प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना का नया संस्करण, PM SVANidhi 2.0 Yojana, केंद्र सरकार द्वारा छोटे दुकानदारों, विशेष रूप से रेहड़ी-पटरी और फुटपाथ विक्रेताओं के आर्थिक सशक्तिकरण के उद्देश्य से शुरू किया जा रहा है। यह योजना ऐसे लाखों लोगों के लिए राहत लेकर आई है, जो अपना रोजगार चलाने के लिए वित्तीय संस्थानों से मदद नहीं ले पाते थे। इस योजना का मकसद छोटे व्यापारियों को औपचारिक बैंकिंग से जोड़ना, उन्हें आसान शर्तों पर ऋण देना और उनके व्यवसाय को डिजिटल और स्थायी बनाना है।
मिलेगा बिना गारंटी 50 हजार रुपये तक का ऋण
PM SVANidhi 2.0 योजना में सरकार रेहड़ी-पटरी वालों को बिना किसी गारंटी के ₹50,000 तक का लोन उपलब्ध करवा रही है। योजना के पहले चरण में केवल ₹10,000 तक का वर्किंग कैपिटल लोन दिया जाता था, जबकि अब यह राशि बढ़ाकर ₹50,000 कर दी गई है। यह लोन आसान किस्तों में चुकाया जा सकता है और समय पर भुगतान करने वालों को आगे चलकर और अधिक ऋण राशि भी मिल सकती है। इस प्रकार, यह योजना छोटे व्यापारियों को अपने व्यवसाय को बढ़ाने और आत्मनिर्भर बनने का मौका देती है।
यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड की सुविधा
इस योजना के दूसरे संस्करण में एक नई सुविधा के तहत वेंडर्स को ₹30,000 तक का यूपीआई लिंक्ड क्रेडिट कार्ड भी प्रदान किया जाएगा। यह कार्ड छोटे व्यापारियों के लिए डिजिटल लेन-देन को आसान बनाएगा और उन्हें कैशलेस व्यवस्था का हिस्सा बनाएगा। इसके माध्यम से वेंडर्स QR कोड स्कैन करके भुगतान ले सकेंगे और मोबाइल से सीधे ट्रांजैक्शन कर सकेंगे। इससे डिजिटल इंडिया अभियान को भी बढ़ावा मिलेगा और व्यापारियों की आय का ट्रैक रिकॉर्ड भी तैयार होगा, जो आगे उनके क्रेडिट स्कोर को बेहतर करेगा।
ब्याज सब्सिडी और कैशबैक का लाभ
सरकार इस योजना के तहत सालाना 7% की ब्याज सब्सिडी प्रदान करेगी, जिससे वेंडर्स पर ब्याज का बोझ कम हो जाएगा। समय पर लोन चुकाने वाले लाभार्थियों को यह सब्सिडी सीधे उनके खाते में भेजी जाएगी। इसके अलावा, डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने के लिए सालाना ₹1200 तक का कैशबैक भी मिलेगा। इससे वेंडर्स डिजिटल साधनों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित होंगे और उनका व्यवसाय अधिक संगठित और पारदर्शी हो सकेगा।
पहले चरण की सफलता
PM SVANidhi योजना का पहला चरण वर्ष 2020 में शुरू हुआ था, जब देश कोरोना महामारी से जूझ रहा था। इस दौरान लगभग 68 लाख से अधिक वेंडर्स को ₹13,792 करोड़ रुपये से अधिक के लोन प्रदान किए गए थे। इस व्यापक सफलता को देखते हुए सरकार ने योजना को अपडेट करके दूसरा चरण पेश किया है, जिसमें तकनीकी सुविधाओं को शामिल किया गया है और लोन की अधिकतम सीमा भी बढ़ा दी गई है। इससे अब और अधिक वेंडर्स इस योजना से लाभान्वित हो सकेंगे।
विक्रेताओं को मिलेगा औपचारिक दर्जा
देशभर में लाखों रेहड़ी-पटरी वाले जैसे कि सब्जी वाले, फल विक्रेता, कपड़े बेचने वाले, मोची, धोबी, चायवाले आदि अनौपचारिक तरीके से अपना व्यापार चलाते हैं। इस योजना का उद्देश्य केवल वित्तीय सहायता देना नहीं, बल्कि इन लोगों को एक औपचारिक पहचान और स्थायी व्यवसायिक दर्जा भी प्रदान करना है। योजना के अंतर्गत लाभार्थियों का पंजीकरण कर उन्हें पहचान पत्र दिए जाएंगे, जिससे वे भविष्य में अन्य सरकारी योजनाओं का भी लाभ उठा सकेंगे।
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
इस योजना का लाभ लेने के लिए इच्छुक लाभार्थी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए सरकार ने एक पोर्टल जारी किया है, जहां से न केवल आवेदन किया जा सकता है, बल्कि योजना से संबंधित सभी दस्तावेज और जानकारी भी प्राप्त की जा सकती है। नीचे दी गई तालिका में ऑनलाइन आवेदन और नोटिफिकेशन डाउनलोड की जानकारी दी गई है:
विवरण | लिंक |
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ऑनलाइन आवेदन करने के लिए | https://pmsvanidhi.mohua.gov.in |
योजना का नोटिफिकेशन डाउनलोड करें | https://pmsvanidhi.mohua.gov.in/Home/Pdf/Guidelines |
निष्कर्ष
PM SVANidhi 2.0 Yojana छोटे दुकानदारों के लिए आत्मनिर्भर बनने का एक सुनहरा अवसर है। बिना गारंटी के लोन, ब्याज सब्सिडी, कैशबैक और डिजिटल लेनदेन जैसी सुविधाएं उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत बनाएंगी। यह योजना न केवल उनका आज सुधारती है, बल्कि भविष्य में भी उनके व्यवसाय को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगी। जो विक्रेता आज तक औपचारिक बैंकिंग से दूर थे, उन्हें अब सरकार की मदद से एक पहचान, स्थिरता और विकास का अवसर मिलेगा।
यदि आप एक रेहड़ी-पटरी वाले हैं या किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो इस योजना का लाभ ले सकता है, तो उन्हें इसके लिए अवश्य प्रेरित करें। सरकार की यह पहल वाकई में ‘सबका साथ, सबका विकास’ के मूल मंत्र को साकार करती है।